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सिल्ली में बहुउद्देशीय जलाशय योजना को बजट में सम्मिलित करने की मांग, मंत्री को सौंपा ज्ञापन 

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रांची 

रांची जिले के सिल्ली प्रखंड सिल्ली प्रखंड में बहुप्रतीक्षित राढू बहुउद्देशीय जलाशय योजना को आगामी बजट में सम्मिलित करने की मांग की गयी है। इस संबंध में हरमू निवासी वेदांत केशव ने जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन अंसारी को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें लिखा है कि रांची जिले के सिल्ली प्रखंड अंतर्गत बहुप्रतीक्षित राढू बहुउद्देशीय जलाशय योजना संयुक्त बिहार में (वर्ष 1982) में ही अस्तित्व में आयी, लेकिन इस पर काम धरातल पर नहीं उतरा। इसके बाद 2008 में जल संसाधन विभाग झारखंड सरकार में यह योजना अस्तित्व में आयी। इसके बाद जल संसाधन विभाग, झारखंड के द्वारा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर स्वीकृति के लिए  इसे विभाग द्वारा केंद्रीय जल आयोग, नई दिल्ली को भेजा गया है। केंद्रीय जल आयोग द्वारा कतिपय पृच्छाओं के अनुपालन के लिए विभाग को निर्देश दिया गया है। संभवतः विभाग में ही योजनाओं की पृच्छाओं के अनुपालन लंबित हैं।

बता दें कि सिल्ली प्रखंड का अधिकांश भाग पहाड़ियों एवं जंगल से आच्छादित है। इसमें समुचित एवं सुनिश्चित सिंचाई की व्यवस्था संतोषजनक एवं आवश्यकता अनुसार नहीं है। जबकि यह पूरा इलाका कृषि प्रधान क्षेत्र है। इस कारण कृषि पर निर्भर किसानों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति ठीक नहीं है। इस क्षेत्र में सड़कें, पुल-पुलिया, शिक्षा, स्वास्थ आदि क्षेत्र का विकास हुआ लेकिन सिंचाई एवं कृषि से संबंधित विकास के काम जनाकाक्षांओं के अनूरूप धीमी रही है। 

सिल्ली, सोनाहातु प्रखंड में स्वर्णरेखा नदी तो है लेकिन अंतरराज्यीय मामला होने के कारण इस क्षेत्र के लिए कोई ठोस योजना आज तक नहीं बनी है। स्वर्णरेखा की सहायक नदी राढू ही इस प्रखंड के अंतर्गत आने वाली नदी है, जिस पर बहुउद्देशीय जलाशय योजना का निर्माण प्रस्तावित है। इस योजना से कृषि आधारित ग्रामीणों की बड़ी आबादी को कृषि कार्य हेतु सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करानी है. इससे प्रखंड के कृषकों के जीवन स्तर में सुधार होगा। 
इस परियोजना में जल विद्युत परियोजना का भी प्रस्ताव है, जिससे इस क्षेत्र के निवासियों के लिए सतत विद्युत की आपूर्ति हो सकेगी। यह स्थल नदी के बाएं बिरहोर टोला एवं दाएं खेरबेरा गांव के बीच स्थित है। जोन्हा फॉल से सड़क मार्ग से 13 किलोमीटर की दूरी पर योजना स्थल है।

रांची-पुरुलिया सड़क मार्ग ही इस योजना स्थल के लिए मुख्य मार्ग है। बिरहोर टोली गांव भी परियोजना स्थल के पास ही है। इस योजना का जल ग्रहण क्षेत्र 255.85 वर्ग कि॰मी॰ है। इस परियोजना में Composite (Earth+Concrete) डैम का निर्माण होना है। योजना की प्रस्तावित सिंचाई हेतु Open line Channel का प्रावधान है, लेकिन अब पाईपलाइन परियोजनाएं प्रचलन में आ गई हैं, तो इस योजना में नहर हेतु पाईप लाईन सिंचाई की पद्धति अपनाया जाना श्रेष्कर होगा. इससे नहर हेतु भू-अर्जन की समस्या भी उत्पन्न नहीं होगी। 

इस योजना के पूरी होने से 8900 हेक्टेयर में खरीफ सिंचाई और 1700 हेक्टेयर में सिंचाई की क्षमता सृजित हो सकेंगी. प्रतिवेदन के  अनुसार इस जलाशय की जल स्टोरेज की क्षमता लगभग 47 MCM (Million Cubic Meter) होगी. परियोजना के कार्यान्वयन के पश्चात उद्योग लगाए जाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण अवयव जल सुलभ उपलब्ध होगा. पेयजल हेतु भी योजना प्रतिवेदन में प्रावधान है। इस योजना से सिल्ली एवं राहे के कई गांवों को सिंचाई, बिजली और पेयजल प्राप्त होगा। औद्योगिक परियोजना में भी इस जलाशय के जल का उपयोग किया जा सकता है. सिल्ली, राहे प्रखंड के बहुत बड़े भू-भाग को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने,  जल विद्युत उत्पादन एवं औद्योगिक जल/पेयजल उपलब्ध कराने इस योजना का निर्माण अत्यंत आवश्यक है. जाहिर तौर पर राज्य हित में यह बहुउद्देशीय परियोजना राज्य के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। अनुरोध किया गया है कि आगामी 2025-2026 के बजट में इस परियोजना को सम्मिलित किया जाये। 


 

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